Original

कौसल्ये धर्मतन्त्रं यद्ब्रवीमि त्वां निबोध मे ।भरतानां समुच्छेदो व्यक्तं मद्भाग्यसंक्षयात् ॥ ४५ ॥

Segmented

कौसल्ये धर्म-तन्त्रम् यद् ब्रवीमि त्वाम् निबोध मे भरतानाम् समुच्छेदो व्यक्तम् मद्-भाग्य-संक्षयात्

Analysis

Word Lemma Parse
कौसल्ये कौसल्या pos=n,g=f,c=8,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
तन्त्रम् तन्त्र pos=n,g=n,c=2,n=s
यद् यद् pos=n,g=n,c=2,n=s
ब्रवीमि ब्रू pos=v,p=1,n=s,l=lat
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
निबोध निबुध् pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
भरतानाम् भरत pos=n,g=m,c=6,n=p
समुच्छेदो समुच्छेद pos=n,g=m,c=1,n=s
व्यक्तम् व्यक्त pos=a,g=n,c=2,n=s
मद् मद् pos=n,comp=y
भाग्य भाग्य pos=n,comp=y
संक्षयात् संक्षय pos=n,g=m,c=5,n=s