Original

स्नुषा मे भव कल्याणि पुत्रार्थे त्वां वृणोम्यहम् ।स्नुषापक्षं हि वामोरु त्वमागम्य समाश्रिता ॥ ११ ॥

Segmented

स्नुषा मे भव कल्याणि पुत्र-अर्थे त्वाम् वृणोमि अहम् स्नुषा-पक्षम् हि वाम-ऊरु त्वम् आगम्य समाश्रिता

Analysis

Word Lemma Parse
स्नुषा स्नुषा pos=n,g=f,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
भव भू pos=v,p=2,n=s,l=lot
कल्याणि कल्याण pos=a,g=f,c=8,n=s
पुत्र पुत्र pos=n,comp=y
अर्थे अर्थ pos=n,g=m,c=7,n=s
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
वृणोमि वृ pos=v,p=1,n=s,l=lat
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
स्नुषा स्नुषा pos=n,comp=y
पक्षम् पक्ष pos=n,g=m,c=2,n=s
हि हि pos=i
वाम वाम pos=a,comp=y
ऊरु ऊरु pos=n,g=f,c=8,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
आगम्य आगम् pos=vi
समाश्रिता समाश्रि pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part