महाभारतम् — 1.85.2
Original
Segmented
ययातिः उवाच ज्ञातिः सुहृत् स्व-जनः यो यथा इह क्षीणे वित्ते त्यज्यते मानवैः हि तथा तत्र क्षीण-पुण्यम् मनुष्यम् त्यजन्ति सद्यः स ईश्वराः देव-संघाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ययातिः | ययाति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ज्ञातिः | ज्ञाति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सुहृत् | सुहृद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
जनः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
इह | इह | pos=i |
क्षीणे | क्षि | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
वित्ते | वित्त | pos=n,g=n,c=7,n=s |
त्यज्यते | त्यज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मानवैः | मानव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
हि | हि | pos=i |
तथा | तथा | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |
क्षीण | क्षि | pos=va,comp=y,f=part |
पुण्यम् | पुण्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मनुष्यम् | मनुष्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
त्यजन्ति | त्यज् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
सद्यः | सद्यस् | pos=i |
स | स | pos=i |
ईश्वराः | ईश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
देव | देव | pos=n,comp=y |
संघाः | संघ | pos=n,g=m,c=1,n=p |