महाभारतम् — 1.84.7
Original
Segmented
सुखम् हि जन्तुः यदि वा अपि दुःखम् दैव-अधीनम् विन्दति न आत्म-शक्त्या तस्माद् दिष्टम् बलवन् मन्यमानो न संज्वरेन् न अपि हृष्येत् कदाचित्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
हि | हि | pos=i |
जन्तुः | जन्तु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यदि | यदि | pos=i |
वा | वा | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
दैव | दैव | pos=n,comp=y |
अधीनम् | अधीन | pos=a,g=n,c=2,n=s |
विन्दति | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
न | न | pos=i |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
शक्त्या | शक्ति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
तस्माद् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
दिष्टम् | दिष्ट | pos=n,g=n,c=2,n=s |
बलवन् | बलवत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
मन्यमानो | मन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
संज्वरेन् | संज्वर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
न | न | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
हृष्येत् | हृष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
कदाचित् | कदाचिद् | pos=i |