महाभारतम् — 1.84.5
Original
Segmented
अभूद् धनम् मे विपुलम् महद् वै विचेष्टमानो न अधिगन्ता तद् अस्मि एवम् प्रधार्य आत्म-हिते निविष्टो यो वर्तते स विजानाति जीवन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अभूद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
धनम् | धन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
विपुलम् | विपुल | pos=a,g=n,c=1,n=s |
महद् | महत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
वै | वै | pos=i |
विचेष्टमानो | विचेष्ट् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
अधिगन्ता | अधिगन्तृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
एवम् | एवम् | pos=i |
प्रधार्य | प्रधारय् | pos=vi |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
हिते | हित | pos=n,g=n,c=7,n=s |
निविष्टो | निविश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वर्तते | वृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विजानाति | विज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
जीवन् | जीव् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |