Original

एतावन्मे विदितं राजसिंह ततो भ्रष्टोऽहं नन्दनात्क्षीणपुण्यः ।वाचोऽश्रौषं चान्तरिक्षे सुराणामनुक्रोशाच्छोचतां मानवेन्द्र ॥ १९ ॥

Segmented

एतावन् मे विदितम् राज-सिंह ततो भ्रष्टो ऽहम् नन्दनात् क्षीण-पुण्यः वाचो ऽश्रौषम् च अन्तरिक्षे सुराणाम् अनुक्रोशात् शुच् मानवेन्द्र

Analysis

Word Lemma Parse
एतावन् एतावत् pos=a,g=n,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
विदितम् विद् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
राज राजन् pos=n,comp=y
सिंह सिंह pos=n,g=m,c=8,n=s
ततो ततस् pos=i
भ्रष्टो भ्रंश् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ऽहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
नन्दनात् नन्दन pos=n,g=n,c=5,n=s
क्षीण क्षि pos=va,comp=y,f=part
पुण्यः पुण्य pos=n,g=m,c=1,n=s
वाचो वाच् pos=n,g=f,c=2,n=p
ऽश्रौषम् श्रु pos=v,p=1,n=s,l=lun
pos=i
अन्तरिक्षे अन्तरिक्ष pos=n,g=n,c=7,n=s
सुराणाम् सुर pos=n,g=m,c=6,n=p
अनुक्रोशात् अनुक्रोश pos=n,g=m,c=5,n=s
शुच् शुच् pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part
मानवेन्द्र मानवेन्द्र pos=n,g=m,c=8,n=s