महाभारतम् — 1.84.11
Original
Segmented
अनित्य-ताम् सुख-दुःखस्य बुद्ध्वा कस्मात् संतापम् अष्टकैः अहम् भजेयम् किम् कुर्याम् वै किम् च कृत्वा न तप्ये तस्मात् संतापम् वर्जयामि अप्रमत्तः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अनित्य | अनित्य | pos=a,comp=y |
ताम् | ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
सुख | सुख | pos=n,comp=y |
दुःखस्य | दुःख | pos=n,g=n,c=6,n=s |
बुद्ध्वा | बुध् | pos=vi |
कस्मात् | क | pos=n,g=n,c=5,n=s |
संतापम् | संताप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अष्टकैः | अष्टक | pos=n,g=m,c=8,n=s |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
भजेयम् | भज् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कुर्याम् | कृ | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
वै | वै | pos=i |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
न | न | pos=i |
तप्ये | तप् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
तस्मात् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
संतापम् | संताप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
वर्जयामि | वर्जय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
अप्रमत्तः | अप्रमत्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |