महाभारतम् — 1.81.9
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच हन्त ते कथयिष्यामि ययातेः उत्तराम् कथाम् दिवि च इह च पुण्य-अर्थाम् सर्व-पाप-प्रणाशिन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
हन्त | हन्त | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
कथयिष्यामि | कथय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
ययातेः | ययाति | pos=n,g=m,c=6,n=s |
उत्तराम् | उत्तर | pos=a,g=f,c=2,n=s |
कथाम् | कथा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
दिवि | दिव् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
इह | इह | pos=i |
च | च | pos=i |
पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
अर्थाम् | अर्थ | pos=n,g=f,c=2,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
पाप | पाप | pos=n,comp=y |
प्रणाशिन् | प्रणाशिन् | pos=a,g=f,c=2,n=s |