महाभारतम् — 1.80.21
Original
Segmented
शुक्रेण च वरो दत्तः काव्येन उशनसा स्वयम् पुत्रो यः त्वा अनुवर्तेत स राजा पृथिवीपतिः भवतो अनुनयामि एवम् पूरू राज्ये ऽभिषिच्यताम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शुक्रेण | शुक्र | pos=n,g=m,c=3,n=s |
च | च | pos=i |
वरो | वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दत्तः | दा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
काव्येन | काव्य | pos=n,g=m,c=3,n=s |
उशनसा | उशनस् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
पुत्रो | पुत्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वा | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
अनुवर्तेत | अनुवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पृथिवीपतिः | पृथिवीपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवतो | भवत् | pos=a,g=m,c=2,n=p |
अनुनयामि | अनुनी | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
एवम् | एवम् | pos=i |
पूरू | पूरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
राज्ये | राज्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ऽभिषिच्यताम् | अभिषिच् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |