महाभारतम् — 1.78.40
Original
Segmented
शुक्र उवाच संक्रामयिष्यसि जराम् यथेष्टम् नहुषात्मज माम् अनुध्याय भावेन न च पापम् अवाप्स्यसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शुक्र | शुक्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
संक्रामयिष्यसि | संक्रामय् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
जराम् | जरा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
यथेष्टम् | यथेष्ट | pos=a,g=n,c=2,n=s |
नहुषात्मज | नहुषात्मज | pos=n,g=m,c=8,n=s |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
अनुध्याय | अनुध्या | pos=vi |
भावेन | भाव | pos=n,g=m,c=3,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अवाप्स्यसि | अवाप् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |