महाभारतम् — 1.74.4
Original
Segmented
यः समुत्पतितम् क्रोधम् क्षमया इह निरस्यति यथा उरगः त्वचम् जीर्णाम् स वै पुरुष उच्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
समुत्पतितम् | समुत्पत् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
क्रोधम् | क्रोध | pos=n,g=m,c=2,n=s |
क्षमया | क्षमा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
इह | इह | pos=i |
निरस्यति | निरस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यथा | यथा | pos=i |
उरगः | उरग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वचम् | त्वच् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
जीर्णाम् | जृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वै | वै | pos=i |
पुरुष | पुरुष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |