महाभारतम् — 1.73.8
Original
Segmented
देवयानी उवाच कस्माद् गृह्णासि मे वस्त्रम् शिष्या भूत्वा मे असुरि समुदाचार-हीनायाः न ते श्रेयो भविष्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
देवयानी | देवयानी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कस्माद् | क | pos=n,g=n,c=5,n=s |
गृह्णासि | ग्रह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वस्त्रम् | वस्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
शिष्या | शिष्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
भूत्वा | भू | pos=vi |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
असुरि | असुरी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
समुदाचार | समुदाचार | pos=n,comp=y |
हीनायाः | हा | pos=va,g=f,c=6,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
श्रेयो | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |