Original

इति मामाह शर्मिष्ठा दुहिता वृषपर्वणः ।क्रोधसंरक्तनयना दर्पपूर्णा पुनः पुनः ॥ ३३ ॥

Segmented

इति माम् आह शर्मिष्ठा दुहिता वृषपर्वणः क्रोध-संरक्त-नयना दर्प-पूर्णा पुनः पुनः

Analysis

Word Lemma Parse
इति इति pos=i
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
आह अह् pos=v,p=3,n=s,l=lit
शर्मिष्ठा शर्मिष्ठा pos=n,g=f,c=1,n=s
दुहिता दुहितृ pos=n,g=f,c=1,n=s
वृषपर्वणः वृषपर्वन् pos=n,g=m,c=6,n=s
क्रोध क्रोध pos=n,comp=y
संरक्त संरञ्ज् pos=va,comp=y,f=part
नयना नयन pos=n,g=f,c=1,n=s
दर्प दर्प pos=n,comp=y
पूर्णा पूर्ण pos=a,g=f,c=1,n=s
पुनः पुनर् pos=i
पुनः पुनर् pos=i