महाभारतम् — 1.73.12
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच समुच्छ्रयम् देवयानीम् गताम् सक्ताम् च वाससि शर्मिष्ठा प्राक्षिपत् कूपे ततः स्व-पुरम् आव्रजत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
समुच्छ्रयम् | समुच्छ्रय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
देवयानीम् | देवयानी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
गताम् | गम् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
सक्ताम् | सञ्ज् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
वाससि | वासस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
शर्मिष्ठा | शर्मिष्ठा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
प्राक्षिपत् | प्रक्षिप् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
कूपे | कूप | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ततः | ततस् | pos=i |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
पुरम् | पुर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आव्रजत् | आव्रज् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |