Original

स समावृत्तविद्यो मां भक्तां भजितुमर्हसि ।गृहाण पाणिं विधिवन्मम मन्त्रपुरस्कृतम् ॥ ५ ॥

Segmented

स समावृत्त-विद्यः माम् भक्ताम् भजितुम् अर्हसि गृहाण पाणिम् विधिवन् मम मन्त्र-पुरस्कृतम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
समावृत्त समावृत् pos=va,comp=y,f=part
विद्यः विद्या pos=n,g=m,c=1,n=s
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
भक्ताम् भज् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
भजितुम् भज् pos=vi
अर्हसि अर्ह् pos=v,p=2,n=s,l=lat
गृहाण ग्रह् pos=v,p=2,n=s,l=lot
पाणिम् पाणि pos=n,g=m,c=2,n=s
विधिवन् विधिवत् pos=i
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s
मन्त्र मन्त्र pos=n,comp=y
पुरस्कृतम् पुरस्कृ pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part