महाभारतम् — 1.72.15
Original
Segmented
आपृच्छे त्वाम् गमिष्यामि शिवम् आशंस मे पथि अविरोधेन धर्मस्य स्मर्तव्यो ऽस्मि कथा-अन्तरे अप्रमत्त-उत्थिता नित्यम् आराधय गुरुम् मम
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आपृच्छे | आप्रच्छ् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
गमिष्यामि | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
शिवम् | शिव | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आशंस | आशंस् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
पथि | पथिन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
अविरोधेन | अविरोध | pos=n,g=m,c=3,n=s |
धर्मस्य | धर्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
स्मर्तव्यो | स्मृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
ऽस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
कथा | कथा | pos=n,comp=y |
अन्तरे | अन्तर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
अप्रमत्त | अप्रमत्त | pos=a,comp=y |
उत्थिता | उत्था | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
आराधय | आराधय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
गुरुम् | गुरु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |