महाभारतम् — 1.72.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच समावृत्त-व्रतम् तम् तु विसृष्टम् गुरुणा तदा प्रस्थितम् त्रिदश-आवासम् देवयानी अब्रवीत् इदम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
समावृत्त | समावृत् | pos=va,comp=y,f=part |
व्रतम् | व्रत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
विसृष्टम् | विसृज् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
गुरुणा | गुरु | pos=n,g=m,c=3,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
प्रस्थितम् | प्रस्था | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
त्रिदश | त्रिदश | pos=n,comp=y |
आवासम् | आवास | pos=n,g=m,c=2,n=s |
देवयानी | देवयानी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |