महाभारतम् — 1.71.49
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच गुरोः सकाशात् समवाप्य विद्याम् भित्त्वा कुक्षिम् निर्विचक्राम विप्रः कचो ऽभिरूपो दक्षिणम् ब्राह्मणस्य शुक्ल-अत्यये पौर्णमास्याम् इव इन्दुः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
गुरोः | गुरु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सकाशात् | सकाश | pos=n,g=m,c=5,n=s |
समवाप्य | समवाप् | pos=vi |
विद्याम् | विद्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
भित्त्वा | भिद् | pos=vi |
कुक्षिम् | कुक्षि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
निर्विचक्राम | निर्विक्रम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
विप्रः | विप्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कचो | कच | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽभिरूपो | अभिरूप | pos=a,g=m,c=1,n=s |
दक्षिणम् | दक्षिण | pos=a,g=m,c=2,n=s |
ब्राह्मणस्य | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
शुक्ल | शुक्ल | pos=n,comp=y |
अत्यये | अत्यय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पौर्णमास्याम् | पौर्णमासी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
इव | इव | pos=i |
इन्दुः | इन्दु | pos=n,g=m,c=1,n=s |