महाभारतम् — 1.71.43
Original
Segmented
असुरैः सुरायाम् भवतो ऽस्मि दत्तो हत्वा दग्ध्वा चूर्णयित्वा च काव्य ब्राह्मीम् मायाम् आसुरी च एव माया त्वयि स्थिते कथम् एव अतिवर्तेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
असुरैः | असुर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सुरायाम् | सुरा | pos=n,g=f,c=7,n=s |
भवतो | भवत् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
ऽस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
दत्तो | दा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
हत्वा | हन् | pos=vi |
दग्ध्वा | दह् | pos=vi |
चूर्णयित्वा | चूर्णय् | pos=vi |
च | च | pos=i |
काव्य | काव्य | pos=n,g=m,c=8,n=s |
ब्राह्मीम् | ब्राह्म | pos=a,g=f,c=2,n=s |
मायाम् | माया | pos=n,g=f,c=2,n=s |
आसुरी | आसुर | pos=a,g=f,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
माया | माया | pos=n,g=f,c=1,n=s |
त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
स्थिते | स्था | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
कथम् | कथम् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
अतिवर्तेत् | अतिवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |