Original

दुःषन्त उवाच ।सुव्यक्तं राजपुत्री त्वं यथा कल्याणि भाषसे ।भार्या मे भव सुश्रोणि ब्रूहि किं करवाणि ते ॥ १ ॥

Segmented

दुःषन्त उवाच सु व्यक्तम् राज-पुत्री त्वम् यथा कल्याणि भाषसे भार्या मे भव सुश्रोणि ब्रूहि किम् करवाणि ते

Analysis

Word Lemma Parse
दुःषन्त दुःषन्त pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
सु सु pos=i
व्यक्तम् व्यक्त pos=a,g=n,c=2,n=s
राज राजन् pos=n,comp=y
पुत्री पुत्री pos=n,g=f,c=1,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
यथा यथा pos=i
कल्याणि कल्याण pos=a,g=f,c=8,n=s
भाषसे भाष् pos=v,p=2,n=s,l=lat
भार्या भार्या pos=n,g=f,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
भव भू pos=v,p=2,n=s,l=lot
सुश्रोणि सुश्रोणी pos=n,g=f,c=8,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
किम् pos=n,g=n,c=2,n=s
करवाणि कृ pos=v,p=1,n=s,l=lot
ते त्वद् pos=n,g=,c=4,n=s