Original

दर्शनादेव हि शुभे त्वया मेऽपहृतं मनः ।इच्छामि त्वामहं ज्ञातुं तन्ममाचक्ष्व शोभने ॥ १३ ॥

Segmented

दर्शनाद् एव हि शुभे त्वया मे ऽपहृतम् मनः इच्छामि त्वाम् अहम् ज्ञातुम् तन् मे आचक्ष्व शोभने

Analysis

Word Lemma Parse
दर्शनाद् दर्शन pos=n,g=n,c=5,n=s
एव एव pos=i
हि हि pos=i
शुभे शुभ pos=a,g=f,c=8,n=s
त्वया त्वद् pos=n,g=,c=3,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
ऽपहृतम् अपहृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
मनः मनस् pos=n,g=n,c=1,n=s
इच्छामि इष् pos=v,p=1,n=s,l=lat
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
ज्ञातुम् ज्ञा pos=vi
तन् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
आचक्ष्व आचक्ष् pos=v,p=2,n=s,l=lan
शोभने शोभन pos=a,g=f,c=8,n=s