Original

दूरस्थान्सायकैः कांश्चिदभिनत्स नरर्षभः ।अभ्याशमागतांश्चान्यान्खड्गेन निरकृन्तत ॥ १६ ॥

Segmented

दूर-स्थान् सायकैः कांश्चिद् अभिनत् स नर-ऋषभः अभ्याशम् आगतान् च अन्यान् खड्गेन निरकृन्तत

Analysis

Word Lemma Parse
दूर दूर pos=a,comp=y
स्थान् स्थ pos=a,g=m,c=2,n=p
सायकैः सायक pos=n,g=m,c=3,n=p
कांश्चिद् कश्चित् pos=n,g=m,c=2,n=p
अभिनत् भिद् pos=v,p=3,n=s,l=lan
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
नर नर pos=n,comp=y
ऋषभः ऋषभ pos=n,g=m,c=1,n=s
अभ्याशम् अभ्याश pos=n,g=m,c=2,n=s
आगतान् आगम् pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part
pos=i
अन्यान् अन्य pos=n,g=m,c=2,n=p
खड्गेन खड्ग pos=n,g=m,c=3,n=s
निरकृन्तत निष्कृत् pos=v,p=3,n=s,l=lan