Original

पुरुषः स विभुः कर्ता सर्वभूतपितामहः ।धर्मसंवर्धनार्थाय प्रजज्ञेऽन्धकवृष्णिषु ॥ ८७ ॥

Segmented

पुरुषः स विभुः कर्ता सर्व-भूत-पितामहः धर्म-संवर्धन-अर्थाय प्रजज्ञे अन्धक-वृष्णिषु

Analysis

Word Lemma Parse
पुरुषः पुरुष pos=n,g=m,c=1,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
विभुः विभु pos=a,g=m,c=1,n=s
कर्ता कर्तृ pos=n,g=m,c=1,n=s
सर्व सर्व pos=n,comp=y
भूत भू pos=va,comp=y,f=part
पितामहः पितामह pos=n,g=m,c=1,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
संवर्धन संवर्धन pos=n,comp=y
अर्थाय अर्थ pos=n,g=m,c=4,n=s
प्रजज्ञे प्रजन् pos=v,p=3,n=s,l=lit
अन्धक अन्धक pos=n,comp=y
वृष्णिषु वृष्णि pos=n,g=m,c=7,n=p