Original

मत्प्रियार्थमिदं सौम्य शुक्रं मम गृहं नय ।गिरिकायाः प्रयच्छाशु तस्या ह्यार्तवमद्य वै ॥ ४३ ॥

Segmented

मद्-प्रिय-अर्थम् इदम् सौम्य शुक्रम् मम गृहम् नय गिरिकायाः प्रयच्छ आशु तस्या हि आर्तवम् अद्य वै

Analysis

Word Lemma Parse
मद् मद् pos=n,comp=y
प्रिय प्रिय pos=a,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=2,n=s
सौम्य सौम्य pos=a,g=m,c=8,n=s
शुक्रम् शुक्र pos=n,g=n,c=2,n=s
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s
गृहम् गृह pos=n,g=n,c=2,n=s
नय नी pos=v,p=2,n=s,l=lot
गिरिकायाः गिरिका pos=n,g=f,c=6,n=s
प्रयच्छ प्रयम् pos=v,p=2,n=s,l=lot
आशु आशु pos=a,g=n,c=2,n=s
तस्या तद् pos=n,g=f,c=6,n=s
हि हि pos=i
आर्तवम् आर्तव pos=n,g=n,c=1,n=s
अद्य अद्य pos=i
वै वै pos=i