महाभारतम् — 1.57.38
Original
Segmented
स पितॄणाम् नियोगम् तम् अव्यतिक्रम्य पार्थिवः चचार मृगयाम् कामी गिरिकाम् एव संस्मरन् अतीव रूप-सम्पन्नाम् साक्षात् श्रियम् इव अपराम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पितॄणाम् | पितृ | pos=n,g=m,c=6,n=p |
नियोगम् | नियोग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अव्यतिक्रम्य | अव्यतिक्रम्य | pos=i |
पार्थिवः | पार्थिव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
चचार | चर् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मृगयाम् | मृगया | pos=n,g=f,c=2,n=s |
कामी | कामिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
गिरिकाम् | गिरिका | pos=n,g=f,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
संस्मरन् | संस्मृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
अतीव | अतीव | pos=i |
रूप | रूप | pos=n,comp=y |
सम्पन्नाम् | सम्पद् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
साक्षात् | साक्षात् | pos=i |
श्रियम् | श्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
अपराम् | अपर | pos=n,g=f,c=2,n=s |