Original

मन्युर्हि हृदयं मेऽद्य प्रदहन्निव तिष्ठति ।मत्पूर्वभार्यां यदिमां भृगुः प्राप सुमध्यमाम् ॥ २१ ॥

Segmented

मन्युः हि हृदयम् मे ऽद्य प्रदहन्न् इव तिष्ठति मद्-पूर्व-भार्याम् यद् इमाम् भृगुः प्राप सुमध्यमाम्

Analysis

Word Lemma Parse
मन्युः मन्यु pos=n,g=m,c=1,n=s
हि हि pos=i
हृदयम् हृदय pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
ऽद्य अद्य pos=i
प्रदहन्न् प्रदह् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
इव इव pos=i
तिष्ठति स्था pos=v,p=3,n=s,l=lat
मद् मद् pos=n,comp=y
पूर्व पूर्व pos=n,comp=y
भार्याम् भार्या pos=n,g=f,c=2,n=s
यद् यत् pos=i
इमाम् इदम् pos=n,g=f,c=2,n=s
भृगुः भृगु pos=n,g=m,c=1,n=s
प्राप प्राप् pos=v,p=3,n=s,l=lit
सुमध्यमाम् सुमध्यमा pos=n,g=f,c=2,n=s