महाभारतम् — 1.46.26
Original
Segmented
जनमेजय उवाच एतत् तु श्रोतुम् इच्छामि अटव्याम् निर्जने वने संवादम् पन्नग-इन्द्रस्य काश्यपस्य च यत् तदा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
श्रोतुम् | श्रु | pos=vi |
इच्छामि | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
अटव्याम् | अटवी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
निर्जने | निर्जन | pos=a,g=n,c=7,n=s |
वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
संवादम् | संवाद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पन्नग | पन्नग | pos=n,comp=y |
इन्द्रस्य | इन्द्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
काश्यपस्य | काश्यप | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तदा | तदा | pos=i |