Original

शृङ्ग्युवाच ।किं मे पित्रा कृतं तस्य राज्ञोऽनिष्टं दुरात्मनः ।ब्रूहि त्वं कृश तत्त्वेन पश्य मे तपसो बलम् ॥ ४ ॥

Segmented

शृङ्गी उवाच किम् मे पित्रा कृतम् तस्य राज्ञो ऽनिष्टम् दुरात्मनः ब्रूहि त्वम् कृश तत्त्वेन पश्य मे तपसो बलम्

Analysis

Word Lemma Parse
शृङ्गी शृङ्गिन् pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
पित्रा पितृ pos=n,g=m,c=3,n=s
कृतम् कृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
तस्य तद् pos=n,g=m,c=6,n=s
राज्ञो राजन् pos=n,g=m,c=6,n=s
ऽनिष्टम् अनिष्ट pos=a,g=n,c=1,n=s
दुरात्मनः दुरात्मन् pos=a,g=m,c=6,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
कृश कृश pos=n,g=m,c=8,n=s
तत्त्वेन तत्त्व pos=n,g=n,c=3,n=s
पश्य पश् pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
तपसो तपस् pos=n,g=n,c=6,n=s
बलम् बल pos=n,g=n,c=2,n=s