महाभारतम् — 1.37.12
Original
Segmented
शृङ्गी उवाच यो ऽसौ वृद्धस्य तातस्य तथा कृच्छ्र-गतस्य च स्कन्धे मृतम् अवास्राक्षीत् पन्नगम् राज-किल्बिषी
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शृङ्गी | शृङ्गिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽसौ | अदस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वृद्धस्य | वृद्ध | pos=a,g=m,c=6,n=s |
तातस्य | तात | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
कृच्छ्र | कृच्छ्र | pos=n,comp=y |
गतस्य | गम् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
स्कन्धे | स्कन्ध | pos=n,g=m,c=7,n=s |
मृतम् | मृ | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
अवास्राक्षीत् | अवसृज् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
पन्नगम् | पन्नग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
किल्बिषी | किल्बिषिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |