महाभारतम् — 1.33.31
Original
Segmented
किम् तु अत्र संविधातव्यम् भवताम् यद् भवेत् हितम् अनेन अहम् भृशम् तप्ये गुण-दोषौ मद्-आश्रयौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
संविधातव्यम् | संविधा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
भवताम् | भवत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
हितम् | हित | pos=a,g=n,c=1,n=s |
अनेन | इदम् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
तप्ये | तप् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
गुण | गुण | pos=n,comp=y |
दोषौ | दोष | pos=n,g=m,c=1,n=d |
मद् | मद् | pos=n,comp=y |
आश्रयौ | आश्रय | pos=n,g=m,c=1,n=d |