महाभारतम् — 1.33.25
Original
Segmented
अपरे तु अब्रुवन् तत्र ऋत्विजो ऽस्य भवामहे यज्ञ-विघ्नम् करिष्यामो दीयताम् दक्षिणा इति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अपरे | अपर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तु | तु | pos=i |
अब्रुवन् | ब्रू | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
तत्र | तत्र | pos=i |
ऋत्विजो | ऋत्विज् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ऽस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
भवामहे | भू | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
यज्ञ | यज्ञ | pos=n,comp=y |
विघ्नम् | विघ्न | pos=n,g=m,c=2,n=s |
करिष्यामो | कृ | pos=v,p=1,n=p,l=lrt |
दीयताम् | दा | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
दक्षिणा | दक्षिणा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |