Original

ब्रह्मोवाच ।अधो महीं गच्छ भुजंगमोत्तम स्वयं तवैषा विवरं प्रदास्यति ।इमां धरां धारयता त्वया हि मे महत्प्रियं शेष कृतं भविष्यति ॥ २१ ॥

Segmented

ब्रह्मा उवाच अधो महीम् गच्छ भुजंगमैः उत्तम स्वयम् ते एषा विवरम् प्रदास्यति इमाम् धराम् धारयता त्वया हि मे महत् प्रियम् शेष कृतम् भविष्यति

Analysis

Word Lemma Parse
ब्रह्मा ब्रह्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
अधो अधस् pos=i
महीम् मही pos=n,g=f,c=2,n=s
गच्छ गम् pos=v,p=2,n=s,l=lot
भुजंगमैः भुजंगम pos=n,g=m,c=8,n=s
उत्तम उत्तम pos=a,g=m,c=8,n=s
स्वयम् स्वयम् pos=i
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
एषा एतद् pos=n,g=f,c=1,n=s
विवरम् विवर pos=n,g=n,c=2,n=s
प्रदास्यति प्रदा pos=v,p=3,n=s,l=lrt
इमाम् इदम् pos=n,g=f,c=2,n=s
धराम् धरा pos=n,g=f,c=2,n=s
धारयता धारय् pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part
त्वया त्वद् pos=n,g=,c=3,n=s
हि हि pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
महत् महत् pos=a,g=n,c=1,n=s
प्रियम् प्रिय pos=n,g=n,c=1,n=s
शेष शेष pos=n,g=m,c=8,n=s
कृतम् कृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
भविष्यति भू pos=v,p=3,n=s,l=lrt