महाभारतम् — 1.30.1
Original
Segmented
गरुड उवाच सख्यम् मे ऽस्तु त्वया देव यथा इच्छसि पुरंदर बलम् तु मम जानीहि महत् च असह्यम् एव च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गरुड | गरुड | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सख्यम् | सख्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ऽस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
देव | देव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
इच्छसि | इष् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
पुरंदर | पुरंदर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
बलम् | बल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
जानीहि | ज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
असह्यम् | असह्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |