महाभारतम् — 1.3.65
Original
Segmented
एकम् चक्रम् वर्तते द्वादश-अरम् प्रधि-षण्णाभि एक-अक्षम् अमृतस्य धारणम् यस्मिन् देवा अधि विश्वे विषक्तास् तौ अश्विनौ मुञ्चतो मा विषीदतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एकम् | एक | pos=n,g=n,c=1,n=s |
चक्रम् | चक्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
वर्तते | वृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
द्वादश | द्वादशन् | pos=n,comp=y |
अरम् | अर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रधि | प्रधि | pos=n,comp=y |
षण्णाभि | षण्णाभि | pos=a,g=m,c=2,n=s |
एक | एक | pos=n,comp=y |
अक्षम् | अक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अमृतस्य | अमृत | pos=n,g=n,c=6,n=s |
धारणम् | धारण | pos=a,g=n,c=1,n=s |
यस्मिन् | यद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
देवा | देव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
अधि | अधि | pos=i |
विश्वे | विश्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
विषक्तास् | विषञ्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
तौ | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
अश्विनौ | अश्विन् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
मुञ्चतो | मुच् | pos=v,p=3,n=d,l=lat |
मा | मा | pos=i |
विषीदतम् | विषद् | pos=v,p=2,n=d,l=lot |