महाभारतम् — 1.3.28
Original
Segmented
स तत् श्रुत्वा आरुणिः उपाध्याय-वाक्यम् तस्मात् केदारखण्डात् सहसा उत्थाय तम् उपाध्यायम् उपतस्थे प्रोवाच च एनम् अयम् अस्म्य् अत्र केदारखण्डे निःसरमाणम् उदकम् अवारणीयम् संरोद्धुम् संविष्टो भगवत्-शब्दम् श्रुत्वा एव सहसा विदार्य केदारखण्डम् भवन्तम् उपस्थितः तद् अभिवादये भगवन्तम् आज्ञापयतु भवान् किम् करवाणि इति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
आरुणिः | आरुणि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उपाध्याय | उपाध्याय | pos=n,comp=y |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तस्मात् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
केदारखण्डात् | केदारखण्ड | pos=n,g=n,c=5,n=s |
सहसा | सहसा | pos=i |
उत्थाय | उत्था | pos=vi |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उपाध्यायम् | उपाध्याय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उपतस्थे | उपस्था | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
प्रोवाच | प्रवच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
च | च | pos=i |
एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अस्म्य् | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
अत्र | अत्र | pos=i |
केदारखण्डे | केदारखण्ड | pos=n,g=n,c=7,n=s |
निःसरमाणम् | निःसृ | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
उदकम् | उदक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अवारणीयम् | अवारणीय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
संरोद्धुम् | संरुध् | pos=vi |
संविष्टो | संविश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भगवत् | भगवत् | pos=a,comp=y |
शब्दम् | शब्द | pos=n,g=m,c=2,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
एव | एव | pos=i |
सहसा | सहसा | pos=i |
विदार्य | विदारय् | pos=vi |
केदारखण्डम् | केदारखण्ड | pos=n,g=n,c=2,n=s |
भवन्तम् | भवत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
उपस्थितः | उपस्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अभिवादये | अभिवादय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
भगवन्तम् | भगवत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
आज्ञापयतु | आज्ञापय् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
भवान् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
करवाणि | कृ | pos=v,p=1,n=s,l=lot |
इति | इति | pos=i |