Original

नावनीतं हृदयं ब्राह्मणस्य वाचि क्षुरो निहितस्तीक्ष्णधारः ।विपरीतमेतदुभयं क्षत्रियस्य वाङ्नावनीती हृदयं तीक्ष्णधारम् ॥ १३२ ॥

Segmented

नावनीतम् हृदयम् ब्राह्मणस्य वाचि क्षुरो निहितस् तीक्ष्ण-धारः विपरीतम् एतद् उभयम् क्षत्रियस्य वाङ् नावनीती हृदयम् तीक्ष्ण-धारम्

Analysis

Word Lemma Parse
नावनीतम् नावनीत pos=a,g=n,c=1,n=s
हृदयम् हृदय pos=n,g=n,c=1,n=s
ब्राह्मणस्य ब्राह्मण pos=n,g=m,c=6,n=s
वाचि वाच् pos=n,g=f,c=7,n=s
क्षुरो क्षुर pos=n,g=m,c=1,n=s
निहितस् निधा pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
तीक्ष्ण तीक्ष्ण pos=a,comp=y
धारः धारा pos=n,g=m,c=1,n=s
विपरीतम् विपरीत pos=a,g=n,c=1,n=s
एतद् एतद् pos=n,g=n,c=1,n=s
उभयम् उभय pos=a,g=n,c=1,n=s
क्षत्रियस्य क्षत्रिय pos=n,g=m,c=6,n=s
वाङ् वाच् pos=n,g=f,c=1,n=s
नावनीती नावनीत pos=a,g=f,c=1,n=s
हृदयम् हृदय pos=n,g=n,c=1,n=s
तीक्ष्ण तीक्ष्ण pos=a,comp=y
धारम् धारा pos=n,g=n,c=1,n=s