महाभारतम् — 1.29.7
Original
Segmented
सदा संरब्ध-नयनौ सदा च अनिमिष-ईक्षणौ तयोः एको ऽपि यम् पश्येत् स तूर्णम् भस्मसाद् भवेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सदा | सदा | pos=i |
संरब्ध | संरभ् | pos=va,comp=y,f=part |
नयनौ | नयन | pos=n,g=m,c=2,n=d |
सदा | सदा | pos=i |
च | च | pos=i |
अनिमिष | अनिमिष | pos=a,comp=y |
ईक्षणौ | ईक्षण | pos=n,g=m,c=2,n=d |
तयोः | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=d |
एको | एक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
यम् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पश्येत् | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तूर्णम् | तूर्णम् | pos=i |
भस्मसाद् | भस्मसात् | pos=i |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |