Original

जनमेजय उवाच ।किमर्थं शार्ङ्गकानग्निर्न ददाह तथागते ।तस्मिन्वने दह्यमाने ब्रह्मन्नेतद्वदाशु मे ॥ १ ॥

Segmented

जनमेजय उवाच किमर्थम् शार्ङ्गकान् अग्निः न ददाह तथागते तस्मिन् वने दह्यमाने ब्रह्मन्न् एतद् वद आशु मे

Analysis

Word Lemma Parse
जनमेजय जनमेजय pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
किमर्थम् किमर्थ pos=a,g=n,c=2,n=s
शार्ङ्गकान् शार्ङ्गक pos=n,g=m,c=2,n=p
अग्निः अग्नि pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
ददाह दह् pos=v,p=3,n=s,l=lit
तथागते तथागत pos=a,g=n,c=7,n=s
तस्मिन् तद् pos=n,g=n,c=7,n=s
वने वन pos=n,g=n,c=7,n=s
दह्यमाने दह् pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part
ब्रह्मन्न् ब्रह्मन् pos=n,g=m,c=8,n=s
एतद् एतद् pos=n,g=n,c=2,n=s
वद वद् pos=v,p=2,n=s,l=lot
आशु आशु pos=a,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=4,n=s