Original

संप्रनृत्तमिवाकाशं धारोर्मिभिरनेकशः ।मेघस्तनितनिर्घोषमम्बरं समपद्यत ॥ ४ ॥

Segmented

संप्रनृत्तम् इव आकाशम् धारा-ऊर्मिभिः अनेकशः मेघ-स्तनित-निर्घोषम् अम्बरम् समपद्यत

Analysis

Word Lemma Parse
संप्रनृत्तम् संप्रनृत् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
इव इव pos=i
आकाशम् आकाश pos=n,g=n,c=1,n=s
धारा धारा pos=n,comp=y
ऊर्मिभिः ऊर्मि pos=n,g=m,c=3,n=p
अनेकशः अनेकशस् pos=i
मेघ मेघ pos=n,comp=y
स्तनित स्तनित pos=n,comp=y
निर्घोषम् निर्घोष pos=n,g=n,c=1,n=s
अम्बरम् अम्बर pos=n,g=n,c=1,n=s
समपद्यत सम्पद् pos=v,p=3,n=s,l=lan