Original

स समं धर्मकामार्थान्सिषेवे भरतर्षभः ।त्रीनिवात्मसमान्बन्धून्बन्धुमानिव मानयन् ॥ ३ ॥

Segmented

स समम् धर्म-काम-अर्थान् सिषेवे भरत-ऋषभः त्रीन् इव आत्म-समान् बन्धून् बन्धुमान् इव मानयन्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
समम् सम pos=n,g=n,c=2,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
काम काम pos=n,comp=y
अर्थान् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=p
सिषेवे सेव् pos=v,p=3,n=s,l=lit
भरत भरत pos=n,comp=y
ऋषभः ऋषभ pos=n,g=m,c=1,n=s
त्रीन् त्रि pos=n,g=m,c=2,n=p
इव इव pos=i
आत्म आत्मन् pos=n,comp=y
समान् सम pos=n,g=m,c=2,n=p
बन्धून् बन्धु pos=n,g=m,c=2,n=p
बन्धुमान् बन्धुमत् pos=a,g=m,c=1,n=s
इव इव pos=i
मानयन् मानय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part