महाभारतम् — 1.214.2
Original
Segmented
आश्रित्य धर्मराजानम् सर्व-लोकः ऽवसत् सुखम् पुण्य-लक्षण-कर्माणम् स्व-देहम् इव देहिनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
आश्रित्य | आश्रि | pos=vi |
धर्मराजानम् | धर्मराजन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
लोकः | लोक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽवसत् | वस् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
सुखम् | सुख | pos=a,g=n,c=2,n=s |
पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
लक्षण | लक्षण | pos=n,comp=y |
कर्माणम् | कर्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
देहम् | देह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
देहिनः | देहिन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |