महाभारतम् — 1.213.3
Original
Segmented
अर्थ-लुब्धान् न वः पार्थो मन्यते सात्वतान् सदा स्वयंवरम् अनाधृष्यम् मन्यते च अपि पाण्डवः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
लुब्धान् | लुभ् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
न | न | pos=i |
वः | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=p |
पार्थो | पार्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मन्यते | मन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
सात्वतान् | सात्वत | pos=n,g=m,c=2,n=p |
सदा | सदा | pos=i |
स्वयंवरम् | स्वयंवर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अनाधृष्यम् | अनाधृष्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
मन्यते | मन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
पाण्डवः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=s |