Original

श्रुत्वा तु पुण्डरीकाक्षः संप्राप्तं स्वपुरोत्तमम् ।अर्जुनं पाण्डवश्रेष्ठमिन्द्रप्रस्थगतं तदा ॥ २२ ॥

Segmented

श्रुत्वा तु पुण्डरीकाक्षः सम्प्राप्तम् स्व-पुर-उत्तमम् अर्जुनम् पाण्डव-श्रेष्ठम् इन्द्रप्रस्थ-गतम् तदा

Analysis

Word Lemma Parse
श्रुत्वा श्रु pos=vi
तु तु pos=i
पुण्डरीकाक्षः पुण्डरीकाक्ष pos=n,g=m,c=1,n=s
सम्प्राप्तम् सम्प्राप् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
स्व स्व pos=a,comp=y
पुर पुर pos=n,comp=y
उत्तमम् उत्तम pos=a,g=n,c=2,n=s
अर्जुनम् अर्जुन pos=n,g=m,c=2,n=s
पाण्डव पाण्डव pos=n,comp=y
श्रेष्ठम् श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=2,n=s
इन्द्रप्रस्थ इन्द्रप्रस्थ pos=n,comp=y
गतम् गम् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
तदा तदा pos=i