महाभारतम् — 1.211.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच ततः कतिपयाहस्य तस्मिन् रैवतके गिरौ वृष्णि-अन्धकानाम् अभवत् सु महान् उत्सवो नृप
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ततः | ततस् | pos=i |
कतिपयाहस्य | कतिपयाह | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
रैवतके | रैवतक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
गिरौ | गिरि | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वृष्णि | वृष्णि | pos=n,comp=y |
अन्धकानाम् | अन्धक | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अभवत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
सु | सु | pos=i |
महान् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
उत्सवो | उत्सव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नृप | नृप | pos=n,g=m,c=8,n=s |