Original

उत्कृष्ट एव तु ग्राहः सोऽर्जुनेन यशस्विना ।बभूव नारी कल्याणी सर्वाभरणभूषिता ।दीप्यमाना श्रिया राजन्दिव्यरूपा मनोरमा ॥ ११ ॥

Segmented

उत्कृष्ट एव तु ग्राहः सो ऽर्जुनेन यशस्विना बभूव नारी कल्याणी सर्व-आभरण-भूषिता दीप्यमाना श्रिया राजन् दिव्य-रूपा मनोरमा

Analysis

Word Lemma Parse
उत्कृष्ट उत्कृष् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
एव एव pos=i
तु तु pos=i
ग्राहः ग्राह pos=n,g=m,c=1,n=s
सो तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽर्जुनेन अर्जुन pos=n,g=m,c=3,n=s
यशस्विना यशस्विन् pos=a,g=m,c=3,n=s
बभूव भू pos=v,p=3,n=s,l=lit
नारी नारी pos=n,g=f,c=1,n=s
कल्याणी कल्याण pos=a,g=f,c=1,n=s
सर्व सर्व pos=n,comp=y
आभरण आभरण pos=n,comp=y
भूषिता भूषय् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
दीप्यमाना दीप् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
श्रिया श्री pos=n,g=f,c=3,n=s
राजन् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
दिव्य दिव्य pos=a,comp=y
रूपा रूप pos=n,g=f,c=1,n=s
मनोरमा मनोरम pos=a,g=f,c=1,n=s