महाभारतम् — 1.2.195
Original
Segmented
श्लोकाः सप्त-शतम् च अत्र पञ्च-सप्ततिः उच्यते संख्यया भारत-आख्यानम् कर्त्रा हि अत्र महात्मना प्रणीतम् सत्-जन-मनः-वैक्लव्य-अश्रु-प्रवर्तकम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
श्लोकाः | श्लोक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सप्त | सप्तन् | pos=n,comp=y |
शतम् | शत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
पञ्च | पञ्चन् | pos=n,comp=y |
सप्ततिः | सप्तति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
संख्यया | संख्या | pos=n,g=f,c=3,n=s |
भारत | भारत | pos=n,comp=y |
आख्यानम् | आख्यान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
कर्त्रा | कर्तृ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
हि | हि | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
महात्मना | महात्मन् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
प्रणीतम् | प्रणी | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
सत् | अस् | pos=va,comp=y,f=part |
जन | जन | pos=n,comp=y |
मनः | मनस् | pos=n,comp=y |
वैक्लव्य | वैक्लव्य | pos=n,comp=y |
अश्रु | अश्रु | pos=n,comp=y |
प्रवर्तकम् | प्रवर्तक | pos=a,g=n,c=1,n=s |