महाभारतम् — 1.2.180
Original
Segmented
प्रतिजज्ञे दृढ-क्रोधः द्रौणिः यत्र महा-रथः अहत्वा सर्व-पाञ्चालान् धृष्टद्युम्न-पुरोगमान् पाण्डवान् च सहामात्यान् न विमोक्ष्यामि दंशनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रतिजज्ञे | प्रतिज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
दृढ | दृढ | pos=a,comp=y |
क्रोधः | क्रोध | pos=n,g=m,c=1,n=s |
द्रौणिः | द्रौणि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
रथः | रथ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अहत्वा | अहत्वा | pos=i |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
पाञ्चालान् | पाञ्चाल | pos=n,g=m,c=2,n=p |
धृष्टद्युम्न | धृष्टद्युम्न | pos=n,comp=y |
पुरोगमान् | पुरोगम | pos=a,g=m,c=2,n=p |
पाण्डवान् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
सहामात्यान् | सहामात्य | pos=a,g=m,c=2,n=p |
न | न | pos=i |
विमोक्ष्यामि | विमुच् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
दंशनम् | दंशन | pos=n,g=n,c=2,n=s |