महाभारतम् — 1.2.177
Original
Segmented
संख्याता बहु-वृत्तान्ताः श्लोक-अग्रम् च अत्र शस्यते त्रीणि श्लोक-सहस्राणि द्वे शते विंशतिः तथा मुनिना सम्प्रणीतानि कौरवाणाम् यशः-भृताम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संख्याता | संख्या | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
बहु | बहु | pos=a,comp=y |
वृत्तान्ताः | वृत्तान्त | pos=n,g=m,c=1,n=p |
श्लोक | श्लोक | pos=n,comp=y |
अग्रम् | अग्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
शस्यते | शंस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
त्रीणि | त्रि | pos=n,g=n,c=1,n=p |
श्लोक | श्लोक | pos=n,comp=y |
सहस्राणि | सहस्र | pos=n,g=n,c=1,n=p |
द्वे | द्वि | pos=n,g=n,c=1,n=d |
शते | शत | pos=n,g=n,c=1,n=d |
विंशतिः | विंशति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
मुनिना | मुनि | pos=n,g=m,c=3,n=s |
सम्प्रणीतानि | सम्प्रणी | pos=va,g=n,c=1,n=p,f=part |
कौरवाणाम् | कौरव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
यशः | यशस् | pos=n,comp=y |
भृताम् | भृत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |