Original

कर्णदुर्योधनादीनां दुष्टं विज्ञाय मन्त्रितम् ।योगेश्वरत्वं कृष्णेन यत्र राजसु दर्शितम् ॥ १४७ ॥

Segmented

कर्ण-दुर्योधन-आदीनाम् दुष्टम् विज्ञाय मन्त्रितम् योग-ईश्वर-त्वम् कृष्णेन यत्र राजसु दर्शितम्

Analysis

Word Lemma Parse
कर्ण कर्ण pos=n,comp=y
दुर्योधन दुर्योधन pos=n,comp=y
आदीनाम् आदि pos=n,g=m,c=6,n=p
दुष्टम् दुष् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
विज्ञाय विज्ञा pos=vi
मन्त्रितम् मन्त्रित pos=n,g=n,c=2,n=s
योग योग pos=n,comp=y
ईश्वर ईश्वर pos=n,comp=y
त्वम् त्व pos=n,g=n,c=1,n=s
कृष्णेन कृष्ण pos=n,g=m,c=3,n=s
यत्र यत्र pos=i
राजसु राजन् pos=n,g=m,c=7,n=p
दर्शितम् दर्शय् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part