महाभारतम् — 1.2.141
Original
Segmented
श्रुत्वा च पाण्डवान् यत्र वासुदेव-पुरोगमान् प्रजागरः सम्प्रजज्ञे धृतराष्ट्रस्य चिन्तया
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
च | च | pos=i |
पाण्डवान् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
यत्र | यत्र | pos=i |
वासुदेव | वासुदेव | pos=n,comp=y |
पुरोगमान् | पुरोगम | pos=a,g=m,c=2,n=p |
प्रजागरः | प्रजागर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सम्प्रजज्ञे | सम्प्रजन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
धृतराष्ट्रस्य | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
चिन्तया | चिन्ता | pos=n,g=f,c=3,n=s |